Monday, December 31, 2012

नए साल का शुभ दुलार

नई दिशा है नव विचार है
नए साल का खुला द्वार है


जीवन इस बगिया सा महके
राग रंग तितली सा चहके
सोपानों पर मिले सफलता
सब मंगल कामों में शुभता



नीड़ों में गुंजार रहे
सब अपनों में प्यार रहे
सुखद स्वप्न सब सच हो जाएँ
नए साल का सरोकार है


फूलों से शोभित पल-छिन
राह कभी न लगे कठिन
सुबह स्फूर्ति को लेकर आए
दिवस धूप से निखर नहाए


शामों को विश्राम सजाए
मित्रों को जलपान लुभाए
मनोकामनाएँ हों पूरी
नए साल का शुभ दुलार है


         - पूर्णिमा वर्मन

1 comments:

Rajput said...

बहुत शानदार लेखन
नए साल की ढेरों शुभकामनायें